क्या यही है सुशासन ! भू-माफियाओं ‘चकिया’ चीनी मिल की एकड़ो जमीन पर कब्जा कर किया बाउंड्री , कटघरे में पुलिस-प्रशासन

PATNA Desk : वैसे तो बिहार की मुख्यमनरी कीमाने तो वो सुशासन की सरकार चलते है। लेकिन अगर ज़मीनी हक़ीक़त देखे तो बिहार में भू-माफिया-बालू माफिया और शराब माफियाओं का आतंक है।यहा तक की उन्हें पुलिस-प्रशासन का भी संरक्षण मिलता है।आलम ये है की भू मफ़ियाओ द्वारा धरल्ले से सरकारी ज़मीन पर क़ब्ज़ा चालू है । ये भी छोरिये जिस ज़मीन पर धारा १४४ लागू है उसे भी नही बक्सा जा रहा है । ज़िलाधिकारी ने जांच कमिटि बनाने के बाद भी जबरन बाउंड्री का काम जारी है।

चकिया चीनी मिल की जमीन कर लिया अवैध कब्जा

मामला उत्तर बिहार के मोतिहारी ज़िले के चकिया का है। चकिया में चीनी मिल की कई एकड़ जमीन पर दिन रात अवैध कब्जा किया जा रहा है।आपको बता दे उक्त ज़मीन पर धारा १४४ लागू है ।उसके बाबजूद भी चकिया पुलिस प्रसाशन, एसडीओ,सीओ उसे रोकने में विफल रही है।

प्रशासन पर सवाल

चकिया कर SDO ने ज़िलाधिकारी को इसकी रिपोर्ट सौंपी । जिसके बाद डीएम ने 12 जून को एक और जांच का आदेश जारी किया है।इसके लिए 3 सदस्यीय जांच टीम भी गठित की गयी । पत्र में उल्लेख किया गया है कि विवादित भूमि पर अनुमंडल दंडाधिकारी चकिया के न्यायालय से धारा 144 लागू है ।

डीएम ने तीन सदस्यीय जांच कमेटि बनाई

मोतिहारी डीएम ने चकिया एसडीओ की जांच के बाद तीन सदस्यीय टीम गठित की । इस टीम में भूमि सुधार उप समाहर्ता अरेराज, अनुमंडल लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी पकड़ीदयाल एवं अनुमंडल लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी अरेराज को समिल किया गया । डीएम ने चार बिंदुओं पर जांच कर रिपोर्ट देने करने का आदेश दिया है।

अनुमंडल दंडाधिकारी चकिया एवं भूमि सुधार उप समाहर्ता चकिया को क्या उक्त मामले की जानकारी थी? अगर जानकारी थी तो उनके द्वारा क्या कार्रवाई की गई? अनुमंडल दंडाधिकारी चकिया न्यायालय में संचालित धारा 144 संबंधी वाद की पूरी प्रक्रिया की समीक्षा करे और अन्य बिंदु है ।

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